RTI Kya Hai – सूचना का अधिकार क्या है

RTI Kya Hai : क्या आपको पता है भारतीय सरकार देश में रहने वाले नागरिकों को यह अधिकार देती है कि वह सरकार से कुछ भी पूछ सकते हैं और किसी भी प्रकार के सवाल का सटीक जवाब देने के लिए सरकार पूरी तरह से बाध्य है। RTI Kya Hai यह जानने के बाद आप भारतीय नागरिक के सबसे बड़े अधिकार के बारे में समझ जाएंगे जिसके तहत अब किसी भी सरकारी कर्मचारी या सरकारी कार्यालय से सवाल-जवाब कर सकते हैं और अपने सवालों का सटीक जवाब पा सकते हैं साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज भी उठा सकते हैं। 

चाहे अब किसी भी देश में रह रहे हो देश की सरकार देश के हर व्यक्ति के लिए नियम और कानून के साथ-साथ कुछ अधिकार भी बनाती है और देश में रहने वाले हर नागरिक को उसे अपने अधिकार की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए हम जानते हैं भारत में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आरटीआई के अधिकार के बारे में पता नहीं है। 

इस वजह से भारत में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है आज के इस लेख के माध्यम से हम आरटीआई क्या है के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे और आपको समझाएंगे कि किस प्रकार देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हर नागरिक को अधिकार दिया गया है मगर कोई नागरिक कैसे कुछ नहीं करता। 

RTI क्या है – rti kya hai

आरटीआई भारत में रहने वाले नागरिकों के लिए एक अधिकार है जिसे भारतीय सरकार द्वारा 2005 में लागू किया गया था। आरटीआई का मतलब होता है राइट टू इनफार्मेशन अर्थात सूचना का अधिकार। इस अधिकार के तहत भारतीय सरकार भारत के सभी नागरिक को यह बताना चाहती है कि हर एक नागरिक के पास सूचना का अधिकार है अर्थात वह सरकार से किसी भी प्रकार की सूचना मांग सकती है उसका यह अधिकार है कि वह सरकार से किसी भी प्रकार का सवाल जवाब करें और सरकार इसके लिए पूरी तरह से बंद है कि वह जनता को सभी प्रकार की सूचनाएं दे। 

अगर इस अधिकार के बारे में उदाहरण देकर हम आप को समझाएं तो हम यह कहेंगे कि सरकारी राशन की दुकान में कितना राशन आया और कितना राशन बांटा इसका पूरा किलो दर किलो हिसाब कोई भी नागरिक मांग सकता है और वह सरकारी दुकान का मालिक पूरी तरह से बाध्य है कि वह पूछे गए नागरिक को एक कागज में सभी प्रकार की जानकारी सही तरीके से लिख कर दे।

सरकार अगर किसी प्रकार का विकास फंड अगर भेजती है तो इलाके के सभी नागरिक का यह कर्तव्य और अधिकार है कि वह सरकारी संस्था से इस संबंध में जानकारी की अपील करें और उनसे इसका पूरा हिसाब मांगे कि सरकार ने कितना फंड भेजा और कितना का विकास किया गया। 

सूचना के अधिकार के अंतर्गत 2005 के बाद अगर किसी भी सरकारी संस्था या कार्यालय से किसी भी प्रकार का हिसाब या जानकारी मांगेंगे तो उनका कर्तव्य है कि आपको सही प्रकार से जानकारी दें और इस अधिकार का भारतीय संविधान में काफी अधिक महत्व है आपको कोई भी उच्च अधिकारी आपके अधिकार से नहीं रोक सकता वरना यह बहुत बड़ा अपराध होता है। इस वजह से देश का हर नागरिक इसके लिए स्वतंत्र है कि वह किसी भी प्रकार का प्रश्न सरकार से पूछ सकता है और अपने प्रश्न अनुसार रख जवाब पा सकता है। 

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 सूचना के अधिकार से जुड़े नियम

अगर आप यह समझ गए हैं कि भारत में रहने वाले सभी नागरिक के पास सूचना का अधिकार है तो इस अधिकार के अंतर्गत किस प्रकार के नियम आते हैं और आपको किन बातों का मुख्य रुप से ध्यान देना चाहिए उसके बारे में संक्षिप्त सूची नीचे प्रस्तुत की गई है – 

  • यदि आप भारत के नागरिक है तो आपके पास सूचना का अधिकार है कि आप भारत सरकार से किसी भी प्रकार का प्रश्न पूछ सकते है और अपनी आवश्यकता अनुसार जानकारी ले सकते हैं। 
  • सूचना के अधिकार के संबंध में आप किसी भी सरकारी संस्था से जानकारी ले सकते हैं अगर कोई सरकारी संस्था भारतीय संविधान के अंतर्गत आती है तो आप उस से सूचना के अधिकार के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी ले सकते हैं। 
  • आप जिस संबंध में जानकारी चाहते है प्रश्न से जुड़ी सटी को संस्था कौन सी है उसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आपको यह भी पता होना चाहिए कि इस अधिनियम के अंतर्गत तो बहुत सारी संस्थानों को अलग रखा गया है। 
  • किसी भी प्रकार की सूचना पाने के लिए आपको आरटीआई दायर करनी होगी और उसे दायर करने के लिए आपको शुल्क जमा करना होगा भारत के किसी भी नागरिक के लिए आरटीआई का शुल्क ₹10 रखा गया है केवल बीपीएल कार्ड धारकों के लिए यह मुक्त रखा गया है। 
  • आरटीआई दायर करने के बाद 30 दिन के अंदर अंदर आपके प्रश्न का सही जवाब आपको पहुंचा दिया जाता है अगर आपके पास सटीक दस्तावेज मौजूद हो तो 48 घंटे के भीतर ही आपकी जानकारी आप तक पहुंचा दी जाती है। 
  • आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि अगर किसी सूचना को मालूम करने के लिए आपके पास दस्तावेज होना आवश्यक है तो आपको वह सटीक दस्तावेज अपने आरटीआई के साथ जमा करना होगा इसके अलावा अगर आपके द्वारा वर्णन की गई समस्या अधूरी हुई या सरल और सटीक भाषा में अगर आपने अपनी परेशानी का व्याख्या नहीं किया होगा तो आपके आरपीआई को खारिज कर दिया जाएगा। 

किस तरह की जानकारी आप आरटीआई के तहत पा सकते हैं

जैसा कि हमने आपको बताया आप किसी भी सरकारी विभाग से अपनी आवश्यकता अनुसार प्रश्न पूछ कर सभी प्रकार की जानकारी हासिल कर सकते हैं मगर जब आप कोई ऐसी जानकारी सरकार से पूछते हैं जिस के संबंध में वह आपसे किसी प्रकार के सबूत को मांग सकती है तो आपको अपने आरटीआई के एप्लीकेशन में उन सबूतों को जोड़कर भेजना है। 

उदाहरण के तौर पर आप किसी सरकारी अस्पताल में जाकर यह पूछ सकते हैं कि बीपीएल कार्ड धारकों के लिए कितनी दवाई आई थी और उसमें से कितनी दवाइयों को बाजार में बेचा गया। हालांकि यहां सरकार यह पूछ सकती है कि आपको क्यों ऐसा लगता है कि कोई दवाई बाजार में बेची गई तो इसका कोई प्रमाण आपके पास मौजूद होना चाहिए वरना आपके आरटीआई को खारिज कर दिया जाएगा। 

उसी प्रकार किसी म्युनिसिपालिटी ऑफिस में आप जा कर यह पूछ सकते है कि सड़क बिजली पानी की व्यवस्था सही करने के लिए सरकार के तरफ से कितना पैसा आया था और वह मूल्य कहां कहां खर्च किया गया। अगर म्युनिसिपालिटी ऑफिस के द्वारा दी गई जानकारी आपको गलत लगती है तो वह क्यों गलत है तो वह जानकारी क्यों गलत लगती है इसका एक सबूत आपके पास मौजूद होना चाहिए वरना उनकी भेजी गई जानकारी को आप गलत साबित नहीं कर सकते। 

यह भी याद रखें कि आप किसी अफवाह के तहत कोई भी प्रश्न नहीं पूछ सकते आप जो भी प्रश्न पूछ रहे हैं उसकी सटीक जानकारी आपके पास तो होनी चाहिए किस प्रकार की आपको समस्या हो रही है और आप क्यों इस जानकारी को पाना चाहते हैं साथ ही इस जानकारी से जुड़े हुए किसी भी प्रकार के सबूत अगर आपके पास है तो इन सभी पैक्ट के आधार पर आपको जवाब दिया जाएगा किसी अफवाह के आधार पर नहीं। 

इसके साथ ही आप इस प्रकार के किसी भी प्रश्न को किसी भी सरकारी संस्था से पूछ सकते है। मिसाल के तौर पर अभी हाल ही में एक लड़की ने अपने घर के पास खुले मटन की दुकान का बेवरा उसका नक्शा और उसका लाइसेंस का एक xerox कॉपी मांगा मगर उन दुकानों के पास इस तरह की जानकारी ना होने के कारण सरकारी संस्था द्वारा इस दुकान को बंद कर दिया गया। आप भी अपने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करके इस प्रकार किसी भी प्रकार की जानकारी सरकारी संस्था से प्राप्त कर सकते हैं याद रखें कुछ संस्थाओं को इस में सम्मिलित नहीं किया गया है। 

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आरटीआई करने का क्या तरीका होता है

अगर आप सूचना के अधिकार के अंतर्गत किसी भी सरकारी संस्था से कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो इसकी एक प्रक्रिया होती है जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए और उसे नीचे समझाया गया है। 

Step 1 – सबसे पहले आपको सूचना के अधिकार के अंतर्गत तो कोई आरटीआई एप्लीकेशन कैसे लिखा जाता है यह जानना चाहिए जिसके लिए आरटीआई एप्लीकेशन कैसा होता है आप इंटरनेट से ढूंढ सकते हैं उसके बाद उसी आधार पर आप अपना एक आरटीआई एप्लीकेशन तैयार करें। 

Step 2 – हर सरकारी संस्था में जन सूचना अधिकारी का एक पद होता है जिसे पीआईओ कहते है PIO, जिसे सूचना अधिकारी भी कहते है इसके के ऑफिस में आरटीआई का एप्लीकेशन दे सकते है जहां इस एप्लीकेशन को जमा करने के लिए आपको ₹10 का शुल्क देना होगा विभिन्न राज्य में यह शुल्क विभिन्न हो सकता है। 

Step 3 – आरटीआई का एप्लीकेशन दायर करने के बाद 30 दिन के भीतर आपको आपके सवाल का जवाब मिल जाएगा अगर आप सही जानकारी जिसमें अपनी समस्या और अपने सवालों को सटीक तरीके से वर्णन किया है साथ ही आवश्यक सबूतों के साथ उसे जमा किया है तो आपको 48 घंटे के भीतर भी जवाब दिया जा सकता है। 

Step 4 – जवाब के रूप में आप जिस प्रकार की जानकारी चाहते है उसे आपके दिए हुए पते पर पहुंचा दिया जाएगा। 

अगर आप सरकारी विभाग के तरफ से दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं है तो इसके खिलाफ आप एक अपील दायर कर सकते हैं अनुच्छेद 19 (1) के तहत आप दोबारा जानकारी पाने के लिए अपील दायर कर सकते हैं अगर आपको दोबारा मिली जानकारी से भी संतुष्टि नहीं होती है तो आप कोर्ट में इस सरकारी संस्था को घसीट सकते हैं। 

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सूचना के अधिकार का फायदा

सूचना के अधिकार के बहुत सारे फायदे हैं जिसे 2005 में भ्रष्टाचार कम करने के लिए लागू किया गया था तब से लेकर अब तक भ्रष्टाचार की मात्रा कुछ हद तक कम हुई है मगर अब धीरे-धीरे लोग इस अधिकार के बारे में भूलते जा रहे हैं इस वजह से इसके कुछ लगा आप को संक्षिप्त रूप में बताए गए हैं – 

  • सूचना के अधिकार के अंतर्गत भारत का कोई भी नागरिक भारतीय सरकार से किसी भी प्रकार का प्रश्न पूछने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। 
  • इस अधिकार के तहत भारतीय सरकार और सरकारी संस्था आपके पूछे गए किसी भी प्रश्न का सटीक तरीके से जवाब देने और आपके द्वारा पूछे गए कोई भी सबूत को जमा करने के लिए पूरी तरह से बाध्य है। 
  • भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह अब तक का सबसे अहम कदम माना जाता है। 

RTI Kya Hai से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न एवं उनके उत्तर

आरटीआई का फुल फॉर्म क्या है? से संबंधित आप लोगों द्वारा पूछे जाने वाले कई अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर यहां पर हमने दिए हुए हैं इसीलिए आप एक बार इन प्रश्नोत्तर को भी जरूर पढ़ें।

Q. RTI एक्ट क्या है?

आरटीआई अधिनियम 2005 में भारतीय सरकार के द्वारा लागू किया गया था जिसके तहत भारत का कोई भी नागरिक सरकारी संस्था या किसी भी सरकार के कार्यालय से किसी भी प्रकार के प्रश्न पूछने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है और सरकारी कार्यालय उसे सभी प्रकार की जानकारी देगी।

Q. RTI का फुल फॉर्म क्या होता है?

आईटीआई का फुल फॉर्म राइट टू इंफॉर्मेशन होता है जिसका तात्पर्य सूचना का अधिकार होता है।

Q. सूचना के अधिकार के अंतर्गत आप किस प्रकार के प्रश्न पूछ सकते है?

सूचना के अधिकार के अंतर्गत कोई भी कार्य जो संविधान के अंतर्गत देश में हो रहा है उससे जुड़ी किसी भी प्रकार के प्रश्न आप पूछ सकते हैं और सरकार या गैर सरकारी संस्थानों के द्वारा किए जा रहे कार्य किस सबूत भी मांग सकते है मगर आप अफवाह और बिना सबूत के आधार पर बात नहीं कर सकते।

निष्कर्ष

यहां पर हमने आप सभी लोगों को RTI Kya Hai से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई आज की यह महत्वपूर्ण जानकारी काफी ज्यादा हेल्पफुल और यूज़फुल साबित हुई होगी। अगर आपके लिए हमारी आज की यह जानकारी जरा सी भी उपयोगी साबित हुई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। 

ताकि आप जैसे ही अन्य लोगों को भी इस महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पता चल सके एवं उन्हें ऐसे ही महत्वपूर्ण लेख पढ़ने के लिए कहीं और बार-बार भटकने की बिल्कुल भी हो सकता है। अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।

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