Verification Code Kya Hota Hai

आप जब भी किसी ऐप को इंस्टॉल करते हैं और उसको लॉगइन करने जाते हैं तो आपके जीमेल अकाउंट पर या फिर आपके मोबाइल नंबर पर एक वेरीफिकेशन कोड आता है। जब वेरिफिकेशन कोड को आप दर्ज करते हैं तभी आप उस ऐप को लॉगिन कर पाते हैं। तो आज हम इस आर्टिकल में verification code kya hota hai के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। 

क्योंकि लगभग सभी लोग वेरिफिकेशन कोड का इस्तेमाल करके किसी ऐप को या फिर किसी जगह पर रजिस्टर करते हैं लेकिन उनको यह नहीं मालूम रहता है कि वेरीफिकेशन कोड होता क्या है। अगर आप वेरिफिकेशन कोड के बारे में जानना चाहते हैं कि वेरिफिकेशन कोड क्या होता है और इसका इस्तेमाल कहां किया जाता है तो आप इस वक्त बिल्कुल सही जगह पर है। आज के इस आर्टिकल में आपको वेरीफिकेशन कोड से संबंधित लगभग सारी जानकारी दी जाएगी। वेरीफिकेशन कोड से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको सिर्फ हमारा यह आर्टिकल अंत तक पढ़ना है आपको सारी जानकारी अच्छे से समझ में आ जाएगी। 

वेरिफिकेशन कोड क्या होता है

जब हम किसी ऐप को डाउनलोड करते हैं और उस ऐप को ओपन करते हैं तो वहां पर सबसे पहले हमसे हमारा मोबाइल नंबर मांगा जाता है। हम जैसे ही वहां पर मोबाइल नंबर दर्ज करके सबमिट करते हैं वैसे ही हमारे मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस आता है जिसमें एक ओटीपी दिया रहता है। हमें उस ओटीटी को उस ऐप में दर्ज करना होता है। इस ओटीपी को वेरीफिकेशन कोड कहा जाता है। अगर हम वेरीफिकेशन कोड किसी ऐप में नहीं दर्ज करेंगे तो उस ऐप में हम लोग इन नहीं कर पाएंगे और उस ऐप के किसी भी फीचर का इस्तेमाल या फिर हम कह सकते हैं कि उस ऐप का इस्तेमाल हम नहीं कर पाएंगे। 

वेरीफिकेशन कोड सिर्फ मोबाइल नंबर पर ही नहीं आता है बल्कि इसके अलावा आपके जीमेल पर भी आता है। आप जिस माध्यम से रजिस्टर हुए हैं और रजिस्टर होते समय आप अगर मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किए हैं तो आपके मोबाइल नंबर पर वेरीफिकेशन कोड आएगा और अगर आप मेल का इस्तेमाल कीए है तो आपकी जीमेल अकाउंट पर वेरिफिकेशन कोड आएगा। अगर आप वेरिफिकेशन कोड को दर्ज करते हैं तो उस ऐप का या फिर उस चीज का इस्तेमाल करते हैं और अगर आप पर वेरीफिकेशन कोड नहीं दर्ज करते हैं तो आपको उस ऐप का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाता है। 

वेरीफिकेशन कोड हमें क्यों दर्ज करना पड़ता है

हमने आपको ऊपर verification code kya hota hai के बारे में तो बता दिया। अब आपके दिमाग में यह सवाल उठ रहा होगा कि वेरीफिकेशन कोड हमें दर्ज करना क्यों जरूरी है। हम बिना वेरीफिकेशन कोड दर्ज किए क्यों नहीं उस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर उसके फीचर्स का उपयोग कर सकते हैं। 

हम आपको बता दें कि आपके मोबाइल के ऊपर s.m.s. के द्वारा या फिर मेल के द्वारा ओटीपी इसलिए भेजा जाता है ताकि आप उस ओटीपी को दर्ज करके यह साबित कर सके कि हां यह मोबाइल नंबर या फिर यह ईमेल अकाउंट आपका है और अगर आपके इस ईमेल अकाउंट के माध्यम से या फिर आपके मोबाइल नंबर से भविष्य में कोई गलत काम होता है और इस ऐप के जरिए होता है तो आपको पकड़ा जाए। 

क्योंकि अगर कोई और दूसरा धोखे से आपके मोबाइल नंबर से या फिर आपके मेल से रजिस्टर करना चाहेगा तो वह रजिस्टर नहीं कर पाएगा। क्योंकि आपके s.m.s. में या फिर जीमेल अकाउंट में ओटीपी आएगा और अगर आप ओटीपी उस व्यक्ति को बताएंगे तो ही वह व्यक्ति आपके मेल या आपके मोबाइल नंबर के माध्यम से उस ऐप पर रजिस्टर कर पाएगा। अगर आप ओटीपी नहीं बताते हैं तो वह व्यक्ति रजिस्टर्ड नहीं कर पाएगा। 

कुल मिलाकर बात यह हुआ कि ओटीपी हमें इसलिए दर्ज करना पड़ता है ताकि हम यह साबित कर सके कि जिस मोबाइल नंबर या फिर जिस ईमेल के माध्यम से हम रजिस्टर कर रहे हैं वह ईमेल या फिर वह मोबाइल नंबर हमारा है और आगे अगर इस मोबाइल नंबर से या फिर इस इमेल से किसी तरह का गलत काम होता है तो उसका जिम्मेदार हम होंगे। 

वेरीफिकेशन कोड दूसरों से शेयर करना चाहिए या नहीं 

हमें किसी भी तरह का वेरीफिकेशन कोड दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर हम अपना वेरिफिकेशन कोड दूसरों से शेयर करते हैं तो वह हमारी मोबाइल नंबर या फिर हमारे ईमेल अकाउंट के माध्यम से किसी भी जगह पर रजिस्टर कर सकते हैं और अगर उनके द्वारा कुछ गलत काम किया जाता है तो वह नहीं पकड़े जाएंगे बल्कि हम पकड़े जाएंगे। क्योंकि हमारे मोबाइल नंबर से ही उस ऐप में या फिर उस जगह रजिस्टर किया गया है। 

अगर आप अपने बैंक का ओटीपी किसी दूसरे के साथ शेयर करते हैं तो वह व्यक्ति सिर्फ उस ओटीपी के जरीए आपके बैंक अकाउंट से सारे पैसे निकाल सकता है और आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकता है। 

अगर आपको कोई फसाना चाहता है तो इसके लिए यह एक ओटीपी काफी है चाहे वह ओटीपी किसी भी चीज की हो। वह व्यक्ति आपके मोबाइल नंबर से किसी ऐसे जगह पर लॉगिन हो जाएगा जो जगह गलत है और जब उस जगह के लिए कार्यवाही होगी तो वह आपके ऊपर होगी। इसलिए आप अपना ओटीपी किसी के साथ शेयर ना करें। अगर कोई व्यक्ति आपका विश्वासी है और आपको लगता है कि वह व्यक्ति आपके साथ धोखा नहीं करेगा तो ही आप उसके साथ अपना ओटीपी शेयर करिए। 

वेरीफिकेशन कोड के फायदे

चलिए हम आप सभी लोगों को आगे वेरिफिकेशन कोड के कुछ बेहतरीन फायदे के बारे में भी जानकारी दे देते हैं और आप इसके लिए नीचे दिए गए पॉइंट में जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

  • आजकल हैकिंग का खतरा काफी ज्यादा रहता है और ज्यादातर रोबोटिक हैकिंग भी होती है इसीलिए  वेरिफिकेशन कोड के जरिए रोबोटिक अटैक और ह्यूमन विजिट के बीच का अंतर समझा जा सकता है।
  • यदि आपका कोई भी किसी भी ऑनलाइन चीज का पासवर्ड जान जाता है और आपने वहां पर वेरीफिकेशन कोड की सिक्योरिटी लगाई है तो बिना सिक्योरिटी वेरीफिकेशन कि कोई भी आपके किसी भी अकाउंट को एक्सेस नहीं कर सकता।
  • वेरीफिकेशन कोड के जरिए आपको डबल सिक्योरिटी प्रदान होती है।

वेरीफिकेशन कोड से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न

यहां पर हमने वेरीफिकेशन कोड से संबंधित आप लोगों द्वारा किए जाने वाले कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए हैं।

Q. वेरीफिकेशन कोड को हिंदी में क्या कहते हैं?

वेरीफिकेशन कोड को हिंदी में सत्यापन कोड भी कहते हैं।

Q. वेरीफिकेशन कोड कैसे पता करें?

वेरिफिकेशन कोड आपके ईमेल आईडी पर या फिर आपके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर आता है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने verification code kya hota hai के साथ-साथ यह भी जाना कि वेरिफिकेशन कोड दर्ज करना क्यों जरूरी है और वेरीफिकेशन कोड किसी दूसरे के साथ शेयर करना चाहिए या नहीं। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और इसमें दी गई जानकारी आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा। 

अगर आपको हमारा जा आर्टिकल अच्छा लगा और इसमें दी गई सारी जानकारी अच्छे से समझ में आ गया तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें। इस आर्टिकल से संबंधित कोई सलाह देना चाहते हैं या फिर कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो कमेंट करके पूछ सकते हैं। 

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