Printer Kitne Prakar Ke Hote Hai

Printer Kitne Prakar Ke Hote Hai जिस रफ्तार से इंसानी सभ्यता प्रगति की ओर बढ़ रही है विभिन्न प्रकार के यंत्र का आविष्कार होता जा रहा है उनमें से कुछ यंत्र इतने आवश्यक हैं कि उनका इस्तेमाल रोजमर्रा के जीवन में बहुत अधिक बार आपने देखा होगा। ऐसी ही प्रचलित और मुख्य आवश्यक यंत्रों की सूची में एक नाम प्रिंटर का भी है जिसे सुनने के बाद printer kitne prakar ke hote hai यह जानने की जिज्ञासा हमारे मन में उठती है। 

कोई सेरॉक्स की दुकान हो या स्कूल, कॉलेज, प्रिंटर एक ऐसा यंत्र है जो आजकल रोजमर्रा के जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। अगर आप तकनीक और यंत्र के बारे में अच्छी जानकारी रखना चाहते हैं तो प्रिंटर क्या है और printer kitne prakar ke hote hai के बारे में आप को समझना चाहिए। इसे विस्तार पूर्वक समझाने के लिए आज के लेख में हमने प्रिंटर का संपूर्ण विवरण आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। 

प्रिंटर क्या होता है

सटीक शब्दों में कहें तो प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है या एक ऐसा यंत्र है जो कंप्यूटर को निर्देश देने के बाद परिणाम प्रस्तुत करने का कार्य करता है। जब भी आप कंप्यूटर में किसी जानकारी का डिजिटल स्वरूप अपने स्क्रीन पर देख पाते हैं तो उसे एक हार्ड कॉपी के रूप में परिवर्तित करने का काम प्रिंटर करता है। 

प्रिंटर एक हार्डवेयर और आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर के सीपीयू के साथ जुड़ा हुआ होता है और जब भी हमें कंप्यूटर के मॉनिटर में कोई ऐसी जानकारी दिखती है जिसे हम कागज में अपने हाथ में लेना चाहते हैं तो उस जानकारी को हम मॉनिटर पर कुछ निर्देश देकर प्रिंटर के जरिए कागज पर छाप सकते है। आज आप जितने भी किताब और दस्तावेज अपने आसपास देख रहे है उन सब को कागज में छापने का काम प्रिंटर के जरिए किया जा रहा है। 

विश्व में जानकारी वितरण की दृष्टि से प्रिंटर एक मुख्य यंत्र है। प्रिंटर के माध्यम से कंप्यूटर के स्क्रीन पर दिखने वाली किसी भी जानकारी को कागज पर छाप सकते हैं और उस जानकारी को अपने हाथ में लेकर अपना आगे का कार्य कर सकते है। प्रिंटर का सर्वप्रथम आविष्कार किसी एक बार लिखी हुई जानकारी को बहुत बार छाप कर अलग-अलग प्रतिलिपि हर किसी के हाथ तक पहुंचाने के लिए किया गया था आगे चलकर इस आविष्कार में अनेकों परिवर्तन किए गए और हमारे समक्ष विभिन्न प्रकार का प्रिंटर आया। 

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Printer Kitne Prakar Ke Hote Hai

जैसा कि हमने आपको बताया प्रिंटर का आविष्कार 18वीं सदी में इसलिए किया गया था ताकि किसी जानकारी को एक बार लिखकर उसकी बहुत सारी प्रतिलिपि तैयार की जाए और लोगों को हाथ में बांट दी जाए ताकि जानकारी एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंच सके। उसके बाद हमें जानकारी को कागज पर छापने के अलग-अलग उद्देश्य नजर आने लगे और प्रिंटर का अलग-अलग प्रकार हमारे समक्ष आया प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं यह समझने के लिए हमने प्रिंटर के प्रकार को संक्षिप्त रूप में एक सूची बद्ध तरीके से आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। 

प्रिंटर को उसके मैकेनिक के आधार पर बांटा गया है। जिसके अनुसार प्रिंटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है –  

  1. इंपैक्ट प्रिंटर 
  2. नॉन इंपैक्ट प्रिंटर। 

इंपैक्ट प्रिंटर

इस तरह के प्रिंटर को परिभाषित करते वक्त हम एक वाक्य में यह कह सकते हैं कि जिस प्रिंटर में एक सुई और इंक वाला रिबन होता है जो एक दूसरे से टकराकर आपके द्वारा निर्देशित की गई जानकारी को छापने का कार्य करता है उसे इंपैक्ट प्रिंटर कहते है। यह प्रिंटर का बहुत ही पुराना तरीका है मगर इसके अलग-अलग प्रकार होते हैं जिनमें से कुछ प्रिंटर आज भी आपको देखने को मिल जाएंगे। 

इस तरह का प्रिंटर मुख्य रूप से किसी टाइपराइटर की तरह दिखता है और उसी के सिद्धांत पर कार्य करता है जिसमें एक इंक्वायरी बंद होता है जिसके ऊपर कोई कागज रख दी जाती है और आपके द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार उस रिबन से टकराती है और दी गई जानकारी उस कागज पर छप जाती है। 

इस तरह के प्रिंटर भी चार प्रकार के होते है, जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गई है। 

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर

यह बहुत ही पुराने प्रिंटर के प्रकार में से एक है जिसमें प्रिंटर में बहुत सारे प्रिंटिंग पीना होते है जो निर्देश के अनुसार एक साथ रिबन से टकराते है और कागज पर एक कैरेक्टर का निर्माण करते है। यह प्रिंटर ट्रैक्टर हॉल के साथ आता है साथ ही इसमें कंटीन्यूअस पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के प्रिंटर की प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत ही खराब होती है केवल पूछी रंगों में यह प्रिंट कर सकता है इसके अलावा जब किसी कागज पर प्रिंट होता है तो इस प्रिंटर में से आवाज भी आती है। 

इस तरह के प्रिंटर का मुख्य उदाहरण आपने सालों पहले कार्य करने वाले पीसीओ बूथ में देखा होगा। 

डेजी व्हील प्रिंटर

यह भी एक शानदार प्रिंटर है मगर इसका इस्तेमाल पहले बहुत अधिक किया जाता था आजकल इसका इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है। इस प्रिंटर के अंदर एक गोल चक्कर होता है जिसमें अलग-अलग कैरेक्टर की छाप बनी हुई होती है वह हर चक्का कागज पर बड़ी तेजी से घूमता है और चीन कैरेक्टर की आवश्यकता होती है उसे उस कागज पर छाप देता है उसके बाद एक हथोड़ा इंक वाले रिबन को कागज पर रख के मारता है जिससे सभी कैरेक्टर कागज पर छप जाते हैं। 

यह प्रिंटर बहुत तेज आवाज करता है और बहुत धीमी गति से कार्य करता है। अलग-अलग तरह के कैरेक्टर को छापने के लिए जीस गोल चक्के का इस्तेमाल किया जाता है वह डेजी के फूल की तरह दिखता है इस वजह से इसका नाम डेजी व्हील प्रिंटर रखा गया है। 

Drum printer

यह बहुत ही बेहतरीन प्रिंटर है ऊपर बताए गए सभी प्रिंटर की रफ्तार को सुधारते हुए इस प्रिंटर का आविष्कार किया था। ड्रम प्रिंटर में एक बड़ा सा ड्रम होता है जिसमें अलग-अलग कैरेक्टर उभरे हुए होते हैं और वह कागज पर कसके गिरता है और आगे बढ़ता चला जाता है पीछे से बहुत सारे हैमर रिबन के साथ उस छाप पर मारते जाते है जिस वजह से बड़ी तेजी से यह कैरेक्टर को छपता है और सभी कैरेक्टर काफी जल्दी कागज पर आते चले जाते हैं। 

यह प्रिंटर तेजी से तो कार्य करता है मगर इसकी भी कुछ कमियां हैं जैसे बाकी बताएं प्रिंटर की तरह यह भी ग्राफिक को कागज पर नहीं छाप सकता और छापने की प्रक्रिया के दौरान बहुत तेज आवाज भी करता है। 

चैन प्रिंटर

यह प्रिंटर बहुत ही तेजी से कार्य करता है और किसी भी कैरेक्टर को कागज पर छापने के लिए एक चैन का इस्तेमाल करता है चैन के हर एक कड़ी में कुछ कैरेक्टर उभरे हुए होते हैं और हर कैरेक्टर के पीछे हैमर लगा हुआ होता है और यह पूरा चैन बड़ी तेजी से घूमता है जब किसी कैरेक्टर को छापना होता है तो हिम्मत उसे कड़ी पर वार करता है और उस कैरेक्टर का छाप कागज पर बन जाता है इस तरह से यह प्रिंटर एक सेकंड में 400 से 2500 करैक्टर छाप सकता है। 

यह प्रिंटर ऊपर बताए सभी इंपैक्ट प्रिंटर के मुकाबले तेजी से काम करता है मगर उसकी भी कमियां है जैसे यह आवाज बहुत करता है और ग्राफिक को प्रिंट नहीं कर सकता। 

Non impact printer

इसे आधुनिक युग का प्रिंटर भी कह सकते हैं क्योंकि इस प्रिंटर किसी भी कैरेक्टर को छापने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है और लिवर के इस्तेमाल की वजह से काफी अच्छी क्वालिटी का प्रिंटिंग होता है और प्रिंटर में से आवाज भी नहीं आती। 

इंजेक्ट प्रिंटर 

इस प्रिंटर में हमें जिस कैरेक्टर को कागज पर प्रिंट करना होता है उससे कैरेक्टर का इमेज उस कागज पर बनाया जाता है और प्रिंटर में बहुत सारे मौजूद होते हैं जिनमें से इंक स्प्रे होती है और उस कैरेक्टर के इमेज पर वह है इनका गिरती है और पेपर मूव करता जाता है और कैरेक्टर प्रिंट होता जाता है। 

यह प्रिंटर बहुत ही महंगा आता है हालांकि इसमें आप सभी प्रकार के रंग का अंग नहीं डाल सकते कुछ खास रंगो के इंक का ही आप इसमें इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा यह प्रिंटर बहुत ही तीव्र गति से कार्य करता है और आवाज नहीं करता साथ ही ग्राफिक प्रिंट करने में भी यह सक्षम है। 

लेजर प्रिंटर 

आजकल बहुत अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले प्रिंटर में से एक लेज़र प्रिंटर है ड्रम प्रिंटर की तरह ही होता है जिसमें एक बड़े से डंपर उस कैरेक्टर की इमेज बनाई जाती है जिससे आपको कागज पर छापना है और उसी क्रम में पहले से ही इंग मौजूद होती है लेजर उस जगह पर मारा जाता है जहां इमेज बना हुआ है ड्रम पर कैरेक्टर का इमेज होता है और उसे इमेज में लगा हुआ है इन लेजर की वजह से पिघलता है उसके बाद हिट और प्रेशर के साथ इस ड्रम को कागज पर मारा जाता है जिससे सभी कैरेक्टर एक बार में कागज पर छप जाते हैं। 

यह बहुत ही अच्छी क्वालिटी का प्रिंटिंग होता है साथ ही इसकी रफ्तार भी बहुत तेज होती है और ऐसा करते वक्त प्रिंटर में से आवाज भी नहीं आती यह किसी भी प्रकार के ग्राफिक को प्रिंट करने में भी सक्षम है। 

थर्मल प्रिंटर

इस तरह के प्रिंटर में थर्मल हेड और प्लाटून होता है जो थर्मल पेपर को बीच में रखता है। प्लाटून एक होता है जिसके ऊपर जब हम कोई थर्मल पेपर रखते हैं तो इलेक्ट्रिक से वह प्लाटून चार्ज होता है और उस गर्मी से थर्मल पेपर का रंग बदल जाता है और थर्मल हेड उस थर्मल पेपर पर आकृति बनाने का कार्य करता है। 

बेहतरीन प्रिंटर होता है जो मुख्य रूप से ग्राफिक को प्रिंट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह बहुत ही तेजी से काम करता है इसमें किसी भी प्रकार का आवाज नहीं निकलता और बड़ी आसानी से खूबसूरत तरीके से प्रिंटिंग करने के लिए इस प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है। 

3D प्रिंटर

इस तरह के प्रिंटर का इस्तेमाल न किसी डिजिटल फाइल को सॉलिड रूप में तैयार करने के लिए किया जाता है। किसी भी चीज का थ्री डाइमेंशनल इमेज तैयार करने के लिए इस तरह के प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है मुख्य रूप से इस प्रिंटर मैं एक एडेटिव प्रोसेस का इस्तेमाल किया जाता है यह एक खास किस्म का तरीका होता है जिसकी मदद से आप किसी भी सॉलिड इमेज को 3D इमेज में बदल सकते हैं। 

उम्मीद करते हैं ऊपर बताई गई जानकारी को पढ़ने के बाद आप प्रिंटर के प्रकार को समझ पाए होंगे कौन सा प्रकार किस तरह काम करता है यह समझाने का प्रयास हमने किया। 

प्रिंटर के प्रकार से संबंधित कुछ प्रश्न

यहां पर हमने प्रिंटर कितने प्रकार का होता है? से संबंधित पूछे जाने वाले कई अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिए हुए हैं और यह प्रश्न आप लोगों द्वारा ही किए जाते हैं इसीलिए इन प्रश्नोत्तर को एक बार जरुर पढ़ें।

Q. प्रिंटर का आविष्कार किसने किया?

चेस्टर कार्लसन ने 1938 में प्रिंटर नाम के यंत्र का आविष्कार किया था।

Q. प्रिंटर का ऐसा यंत्र है?

प्रिंटर कंप्यूटर का एक अहम आउटपुट डिवाइस है जो दिए गए निर्देश के अनुसार कंप्यूटर के स्क्रीन पर दिखने वाली चीज को कागज पर छाप सकता है।

Q. प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं?

प्रिंटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं इंपैक्ट प्रिंटर और नॉन इंपैक्ट प्रिंटर इन्हीं दोनों के प्रकार आगे चल के अलग-अलग किस्म के होते है जो हमारे समक्ष विभिन्न प्रकार के प्रिंटर यंत्र को रखते हैं।

निष्कर्ष

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को Printer Kitne Prakar Ke Hote Hai के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज कि यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा हेल्पफुल और यूज़फुल साबित हुई होगी।

अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो और आपके लिए जरा सा भी हेल्पफुल साबित हुई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना बोले ना कि आप जैसे ही अन्य लोगों को भी इस महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में आप के जरिए पता चल सके एवं उन्हें ऐसे ही महत्वपूर्ण लेख पढ़ने के लिए कहीं और बार-बार भटकने की बिल्कुल भी आवश्यकता ना हो।

अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेट से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।

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