मेटावर्स कैसे यूज़ करें – मेटावर्स की पूरी सही जानकारी 2021

दोस्तों आजकल इंटरनेट पर मेटावर्स नामक शब्द खूब धूम मचाए हुए है और लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि मेटावर्स क्या है? और Metaverse Kaise Use Kare  तो मेरे प्यारे दोस्तों आज हम आपको इसी विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

 कितने लोगों को इस नए शब्द के बारे में पता ही नहीं है और अगर पता भी है तो वह लोग कंफ्यूज है कि आखिर इसे कैसे इस्तेमाल करना है या फिर मेटावर्स नाम का क्या उद्देश्य है?। अब बिल्कुल भी चिंता ना करें आज आपको इस आर्टिकल में हम इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे और साथ ही में मेटावर्स को इस्तेमाल करने के भी स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस बताएंगे। 

मेटावर्स के कुछ टॉप फीचर्स के बारे में भी हम आज के इस आर्टिकल में डिस्कस करने वाले है अर्थात कुल मिला जुला कर आज का हमारा या आर्टिकल इसी विषय पर आधारित है और आपके लिए काफी यूज़फुल होने वाला है इसीलिए आप इसे शुरू से लेकर अंत तक अवश्य पढ़ें।

मेटावर्स क्या है

अगर आप हॉलीवुड की साइंस फिक्शन मूवी देखना पसंद करते है तो हम आपको बता दें कि अपने ऐसी बहुत सारे साइंस फिक्शन मूवी देखी होगी जिसमें वर्चुअल दुनिया का जिक्र किया गया होगा या फिर वर्चुअल दुनिया के आधार पर ही मूवी को बनाया गया होगा। 

 वर्चुअल दुनिया एक ऐसी दुनिया होती है जिसमें आप टेक्नोलॉजी का उपयोग करके और इंटरनेट से कनेक्ट होकर आप अपने घर बैठे जहां चाहे वहां जा सकते है। जिस प्रकार से टेलिपोर्टेशन मूवी के अंदर हीरो अपने आपको कहीं भी जहां चाहे वहां टेलिपोर्ट कर सकता है, 

ठीक उसी प्रकार से मेटावर्स के जरिए भी व्यक्ति अपने टेक्नोलॉजी का उपयोग करके और इंटरनेट के साथ कनेक्ट होकर जहां चाहे वहां खुद को महसूस कर सकता है। उदाहरण के रूप में अगर आप अपने घर पर अभी है तो भविष्य में मेटावर्स के जरिए आप खुद को अपने दोस्त के घर या फिर अपने ऑफिस में वर्चुअली टेलिपोर्ट हो सकते हैं।

 जब हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके और इंटरनेट से कनेक्ट होकर किसी और जगह पर खुद को टेलिपोर्ट करने की क्षमता रखेंगे और जहां चाहे वहां पर जब चाहे जैसे चाहे वैसे प्रेजेंट होने की प्रोसेस पूरा करेंगे तब इसे हम मेटावर्स कहेंगे। मेटावर्स की दुनिया पूरे तरीके से वर्चुअल दुनिया होती है और इसमें  रियलिटी के जैसे सब कुछ वर्चुअलिटी लगती है।

मेटावर्स शब्द की उत्पत्ति कहां से और कैसे हुई

कहा जाता है कि वर्ष 1992 में नील स्टीफेन्सन नामक एक साइंस फिक्शन लेखक ने ‘स्नो क्रैश’ नामक एक उपन्यास की रचना की थी और इस उपन्यास के अंदर पहली बार ‘मेटावर्स’ शब्द का उपयोग किया था और तब से इस शब्द की उत्पत्ति हुई थी। इस उपन्यास के अंदर लेखक में इंटरनेट की एक ऐसी कल्पना की थी जिसके अंदर इंटरनेट का उपयोग करके व्यक्ति जहां चाहे वहां जैसे चाहे वैसे वर्चुअल रूप से अपने वर्तमान जगह से जहां चाहे वहां टेलिपोर्ट कर सकता है।

मतलब कि आप की असल दुनिया के अलावा भी एक वर्चुअल दुनिया होगी जिसमें आप जहां चाहे वहां आसानी से जैसे चाहे वैसे पहुंच सकते है। मान लीजिए कि आप अभी अपने घर पर बैठे हुए है और आपका कोई दोस्त जो किसी दूसरे देश में है या फिर आप से कहीं ज्यादा दूर पर है अब आपको उसके पास में जाना है या फिर आपको उससे मिलने का मन कर रहा है तो आप वर्चुअल दुनिया के सहारे खुद को अपने घर से ही वहां पर प्रेजेंट करवा सकते हैं।

 आपको बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगेगा कि आप अपने घर पर है आपको ऐसा लगेगा कि आप अपने दोस्त के घर पर मौजूद है और उसके साथ बिल्कुल फेस टू फेस कनेक्टिविटी के साथ बातचीत कर पा रहे है। इतना ही नहीं आप उसके स्पर्श को भी महसूस कर पाएंगे और जब आप उसे भी स्पर्श करेंगे तो वह भी आपके सपोर्ट से को महसूस कर सकेगा। 

ठीक इसी प्रकार से क्रिप्टो करेंसी का भी जिक्र नोबेल में किया गया था परंतु आज के समय में क्रिप्टोकरंसी वास्तविकता बन चुकी है और इसका उपयोग भी किया जा रहा है। ठीक इसी प्रकार से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले भविष्य में मेटावर्स की भी दुनिया होगी और मेटावर्स के सब कुछ एडवांटेज को उपयोग कर पाएंगे और इस प्रकार की दुनिया का हिस्सा भी होंगे।

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मेटावर्स शब्द वायरल क्यों हो रहा है इसके पीछे की वजह क्या है

मेटावर्स शब्द आज के समय में बहुत ही ज्यादा वायरल हो चुका है और लगभग हर जगह पर इस शब्द के बारे में चर्चाएं हो रही है। कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर मेटावर्स शब्द वायरल क्यों हो रहा है?। हम आपके जानकारी के लिए बता दें कि मेटावर्स शब्द वायरल इसलिए हो रहा है क्योंकि फेसबुक के निर्माता मार्क जुगर बर्ग ने अपने फेसबुक का नाम बदलकर ‘मेटा’ रख लिया है। अब ‘फेसबुक’ का आधिकारिक नाम ‘मेटा’ हो चुका हैं।

 जैसा कि हम सभी लोग बड़े ही अच्छे तरीके से जानते है कि फेसबुक बहुत ही पुरानी सोशल मीडिया कंपनी है और इसके वजह से ही लोग घर बैठे कहीं से भी अपने दोस्त बना सकते है या फिर अपने दोस्तों से बातचीत कर सकते है उनके साथ फोटो शेयर कर सकते है और भी बहुत सारे काम फेसबुक के जरिए लोग करने की क्षमता रखते हैं।

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया मेटावर्स दुनिया एक वर्चुअल दुनिया होती है जिसमें आप बड़ी से बड़ी दूरियों को चंद सेकंड में बिल्कुल रियल्टी के फील के साथ मिटा सकते है। काफी हद तक इस प्रकार का काम फेसबुक अपने वर्चुअल दुनिया के जरिए यह काम करने में सफल भी रहा है और इसीलिए मार्क जुगर बर्ग ने फेसबुक के द्वारा किए जा रहे इस काम को उसका वास्तविक नाम प्रदान करने का निर्णय लिया और फिर फेसबुक का नाम बदलकर मेटावर्स  रख दिया। जब से फेसबुक का नाम मेटावर्स रखा गया है तभी से यह शब्द काफी ज्यादा वायरल हो चुका हैं।

फेसबुक का नाम बदलकर मेटावर्स रखने के पीछे का उद्देश्य

फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग मेटावर्स की कल्पना को एक वास्तविक रूप प्रदान करने का निर्णय लिया है और फेसबुक काफी हद तक पूरी तरीके से नहीं बल्कि नॉन-वर्चुअली रूप में यह काम करने में सफल भी रही है। अब मार्क जुगर बर्ग ने इस शब्द को वास्तविक रूप प्रदान करने का एक बड़ा संकल्प लिया है और इसी लिए मार्क जुकरबर्ग ने करीब 10,000 से भी अधिक प्रोफेशनल वैकेंसी को निकाला हैं।

फेसबुक के मालिक अपने मेटावर्स के सपने को पूरा करने के लिए प्रोफेशनल और हाई एजुकेटेड तकनीकी एक्सपोर्ट को हायर करेंगे और इतना ही नहीं 50 मिलियन डॉलर से भी अधिक रकम को अपने इस सपने को हकीकत का रूप प्रदान करने के लिए खर्च करने का भी निर्णय लिया हुआ है। आने वाले समय में संभवतः मार्क जुकरबर्ग अपने सपने को पूरा करने में सफल भी होंगे।

मेटावर्स की टेक्नोलॉजी कब तक डिवेलप होने की संभावना है

वर्तमान समय में और वर्तमान काल में मेटावर्स एक कल्पना मात्र की दुनिया है। मगर जिस प्रकार से टेक्नोलॉजी विकास कर रही है और जिस प्रकार से टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में अपनी भूमिका निभा रही है और हमारे जीवन का हिस्सा बन रही है उस प्रकार से देखा जाए तो कोई भी चीज असंभव नहीं है। हो सकता है कि आने वाले समय में इस नई टेक्नोलॉजी को वास्तविकता का रूप प्रदान कर दिया जाए।

 मार्क जुकरबर्ग ने जैसे ही अपने फेसबुक का नाम बदलकर मेटावर्स रखा है वैसे ही इस काल्पनिक टेक्नोलॉजी को वास्तविक रूप प्रदान करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। कई सारे टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट्स और शोधकर्ता शीघ्र ही  इस टेक्नोलॉजी के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हैं।

 अभी वर्तमान समय में मेटावर्स की टेक्नोलॉजी कब तक डिवेलप हो पाएगी इसके बारे में कुछ भी कहना और असंभव है और ना ही इसके ऊपर अपनी कोई राय या निर्णय बता पाना संभव है। क्योंकि जब भी किसी टेक्नालॉजी का विकास किया जाता है तब उसे डिवेलप करने में बहुत सारी समस्याएं आती है और उसे डिवेलप करने के बाद भी कई सारी खामियां बाहर निकल कर आती है। इसीलिए हो सकता है कि इस टेक्नोलॉजी के विकास में एक लंबा समय लग सकता है परंतु टेक्नोलॉजी के तेज विकास से यह चीज असंभव भी नहीं हैं।

मेटावर्स कैसे यूज़ करें – How to use  metaverse in Hindi

अभी फेसबुक का नाम मेटावर्स रख दिया गया है तो केवल नाम में ही बदलाव किया गया है फेसबुक के सारे फीचर्स के अंदर अभी कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इसलिए आप जैसे फेसबुक पहले इस्तेमाल किया करते थे ठीक उसी प्रकार से आप मेटावर्स को भी यूज़ कर पाएंगे।

 जब फेसबुक अपने इस वर्चुअल दुनिया को वास्तविकता देने में सफल रहेगा तब उस दौरान कुछ स्पेशल सॉफ्टवेयर के जरिए शायद इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा और आप जब चाहे जहां चाहे जैसे चाहे वैसे चाहे खुद को टेलिपोर्ट करने में सफल रहेंगे। तब मिलो मिलो की दूरियां बस टेक्नोलॉजी के  उपयोग से कुछ कदम से ही दूर रहेंगे।

मेटावर्स टेक्नोलॉजी विकसित हो जाने के फायदे –  Advantage of metaverse Technology in Hindi

जब यह टेक्नोलॉजी विकसित हो जाएगी तब बहुत सारे फायदे होंगे और हमारे पास एक स्पेशल पावर भी होगी जिसका उपयोग हम अपने महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए कर सकेंगे। चलिए आगे जानते है कि मेटावर्स के टेक्नोलॉजी को विकसित हो जाने के क्या-क्या एडवांटेज आपको मिलने वाले है? जिसकी जानकारी नीचे निम्नलिखित हैं।

  • इस टेक्नोलॉजी के विकास हो जाने से हजारों की दूरियां चंद सेकंड में इस टेक्नोलॉजी के जरिए खत्म की जा सकेंगी और सब कुछ रियलिटी की तरह ही होगा।
  • हम अपने घर बैठे ही सारे कामों को आसानी से मैनेज कर पाएंगे।
  • अगर आप अपनी फेवरेट जगह पर जाने में असमर्थ है और फेवरेट चीज को पाने में असमर्थ है तब ऐसे में आप इस टेक्नोलॉजी के जरिए सब कुछ रियालिटी की तरह महसूस कर पाएंगे और जहां चाहे वहां फेवरेट जगह पर अपने घर बैठे ही पहुंच पाएंगे।
  • इस टेक्नोलॉजी के जरिए आप पलक झपकते ही उस चीज को अपने सामने पाएंगे जिस चीज की आप कल्पना कर रहे होंगे।
  • इस टेक्नोलॉजी के आ जाने से डिजिटल क्लॉथिंग जैसी कल्पना भी साकार रूप में दिखाई देगी।
  • जीवन जीना काफी आसान हो जाएगा।
  •  ज्यादा या टेक्नोलॉजी डिसएबल लोगों के लिए एक वरदान के रूप में सिद्ध होगी क्योंकि ऐसे लोगों को बहुत सारी जीवन में समस्याएं होती है परंतु इस टेक्नोलॉजी के आ जाने से सामान्य लोगों के बीच डिसएबल लोगों को भी जीने का पूरा अधिकार मिलेगा और सब कुछ नॉर्मल के तरीके के जरिए ही वे लोग अपने जीवन में जरूरी कार्यों को कर पाएंगे।
  • मेटावर्स टेक्नोलॉजी के जरिए चांद पर जाने वाले लोगों की कल्पना हकीकत का रूप लेगी और आप की अलग-अलग ख्वाहिश सिर्फ पलकें झपकना के देरी में ही पूरा हो जाया करेंगी।
  • मेटावर्स  टेक्नोलॉजी आने वाले समय में टेक्नोलॉजी की ही परिभाषा को बदलने में सफल रहेगी।

मेटावर्स टेक्नोलॉजी के डिसएडवांटेज – Disadvantage of Metaverse technology in Hindi

जब किसी पर टेक्नोलॉजी का विकास होता है या फिर जब किसी भी चीज के अंदर स्पेशल पावर आती है तब उसके कई सारे अपने डिसएडवांटेज भी होते है। चलिए आगे जानते है कि मेटावर्स टेक्नोलॉजी के क्या डिसएडवांटेज होंगे? जिसकी जानकारी नीचे निम्नलिखित है।

  •  हो सकता है कि इस टेक्नोलॉजी का कुछ गलत लोग इस्तेमाल अपने गलत कामों के लिए करने को करें।
  •  इस टेक्नोलॉजी के विकास हो जाने से हो सकता है कि चोरी, डकैती और कुछ इसी प्रकार के अन्य अपराधों में बढ़ोतरी हो।
  • कई लोग इस टेक्नोलॉजी का मिस यूज कि अपने-अपने स्वार्थी भरे कामों को पूरा करने के लिए भी कर सकते हैं।
  • लोग घर बैठे गलत कामों को पूरा करने के लिए अलग-अलग जगह पर बैठे लोगों को एक ही स्थान पर मीटिंग कर सकते हैं।
  •  किसी भी चीज को डिस्ट्रॉय कर सकते हैं।
  •  प्राइवेसी नाम की कोई चीज नहीं रह जाएगी।
  •  हो सकता है कि इंटरनेट हैकिंग में भी इसके वजह से कोई परेशानी हो।

 आवश्यक सूचना

हमने अपने इस आर्टिकल में केवल जानकारी देने के लिए ही सभी चीजों का व्याख्यान किया हुआ है। हम किसी भी बात की पूरी तरीके से  स्पष्टता करने का दावा नहीं करते है। इस लेख को प्रस्तुत करने का केवल हमारा उद्देश्य आप लोगों के बीच में इस जानकारी से अवगत कराना है ना की किसी भी चीज के बारे में गलत अफवाह फैलाना या फिर गलत विचार लोगों के बीच में लाना है। आप इस टेक्नोलॉजी के संबंध में अपनी क्या राय रखते हैं यह आपके ऊपर निर्भर करता है। हमारा मकसद किसी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि भविष्य में क्या सही है और क्या गलत होने वाला है इसकी कल्पना मात्र करने का था।

FAQ About Metaverse Kaise Use Kar

Q: क्या मेटावर्स पूरी तरीके से सेफ होगा?

ANS जी जरूर यह पूरे तरीके से सेफ रहने वाला है। जैसा कि हम सभी लोग जानते है कि ऑनलाइन कोई भी काम या फिर कोई भी टेक्नोलॉजी पूरी तरीके से 100% सुरक्षित नहीं हो सकती है। इसलिए हो सकता है कि इसके कुछ अपने डिसएडवांटेज भी हमें देखने को मिलने वाले हैं।

Q: फेसबुक का नया नाम क्या और कब रखा गया?

 ANS  28 अक्टूबर वर्ष 2021 को फेसबुक के मालिक मार्क जुगर बर्ग ने इसका नाम बदलकर मेटा रख दिया है और ‘वर्तमान में फेसबुक का नया नाम मेटा है’।

Q: फेसबुक का नया नाम किसने रखा?

ANS फेसबुक का नया नाम फेसबुक के मालिक मार्क जुगर बर्ग ने रखा है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आप सभी लोगों को Metaverse Kaise Use Kare इस विषय पर विस्तार पूर्वक पर जानकारी प्रदान की हुई है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा यूज़फुल और हेल्पफुल होने वाली है।

 अगर हमारे द्वारा प्रस्तुत किया गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो या फिर आपके लिए यह काफी यूज़फुल रहा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले ताकि आप के माध्यम से इस रोचक जानकारी के बारे में अन्य लोगों को भी पता चल सके।

आज के हिसा टिकल से संबंधित आपके मन में कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं हम आपके द्वारा किए गए सवालों के और जवाबों का अपडेट शीघ्र से शीघ्र देने का प्रयास करेंगे। आर्टिकल शुरू से लेकर अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद और आपका समय शुभ हो।

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