inverter in hindi – इनवर्टर क्या है

माना कि आज हमारे देश में तेजी से विकास किया है और लगभग हर गांव में अब बिजली व्यवस्था काफी बेहतर हो चुकी है परंतु फिर भी गांव में या फिर छोटे शहरों में बिजली कटने और बिजली का समय कोई भी सुनिश्चित नहीं होता है। इसीलिए गांव में लोग इनवर्टर का इस्तेमाल करते है। जिन लोगों को इनवर्टर के बारे में पता नहीं होता है वह इंटरनेट पर inverter in hindi लिखकर सर्च करते है। 

ताकि उन्हें इनवर्टर के बारे में पता चल सके। यदि आप भी इनवर्टर के बारे में जानना चाहते हो और इससे जुड़ी हुई कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में भी जानना चाहते हो तो आज आप हमारे इस महत्वपूर्ण लेख में शुरू से लेकर अंतिम तक बने रहें। 

क्योंकि हमने अपने इस लेख में इनवर्टर से संबंधित लगभग सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार पूर्वक से बताया हुआ है और आपके लिए हमारा आज का यह लेख इनवर्टर से संबंधित आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और अगर आपने लेख में दी गई जानकारी को मिस कर दिया तो आपको हमारी यह जानकारी बिल्कुल भी समझ नहीं आएगी इसीलिए इसे ध्यान से और पूरा जरूर पढ़ें। 

इनवर्टर इन हिंदी – Inverter in Hindi

इनवर्टर एक ऐसा इलेक्ट्रिक डिवाइस है जो एसी करंट को डीसी में और डीसी करंट को एसी में कन्वर्ट करता है। साधारण शब्दों में ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जो चार्जिंग के लिए एसी करंट लेता है और लाइट कटने पर चार्जिंग बैटरी के जरिए हमें डीसी करंट प्रोवाइड करता है इसी को इनवर्टर कहते हैं।

इनवर्टर एक बैटरी के साथ कनेक्ट होता है और बैटरी किसी भी कंपनी की हो सकती है। जब लाइट रहती है तब इनवर्टर अपने साथ अटैच बैटरी को चार्ज करता है और जैसे ही लाइट चली जाती है वैसे ही बैटरी में चार्जिंग की गई इलेक्ट्रिसिटी स्टोर को यह डीसी करंट में परिवर्तित करके हमें बिजली का बैकअप प्रदान करता है। आप आसानी से 1 घरेलू इनवर्टर की सहायता से पंखे, टीवी और बल्ब के अलावा कम वोल्टेज वाली चीजें चला सकते हो।

इनवर्टर का इतिहास

इनवर्टर के अब तक के इतिहास के पीछे काफी रोचक कहानी बताई जा रही है कई सारी न्यूज़ वेबसाइट और अन्य अथॉरिटी वेबसाइट से पता चला है कि इनवर्टर मैन के नाम से मशहूर कुंवर सचदेव इनवर्टर के भारत में जनक कहे जाते हैं।

इनकी कहानी काफी रोचक है बचपन से ही इन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा था परंतु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 1998 में Su-Kam Power Systems के नाम से एक कंपनी की शुरुआत की और इससे पहले उन्होंने ‘Su-Kam Communication Systems’ के नाम से पहले भी एक कंपनी शुरू की थी और इस कंपनी ने अपना मार्केट में काफी अच्छी पकड़ भी बना ली थी। 

कुंवर सचदेवा की पहली कंपनी में केबल टीवी की सर्विस दी जाती थी और इतना ही नहीं टीवी से संबंधित इन्होंने अपने कंपनी में कई सारे एसेसरी भी बनाए जैसे कि एंपलीफायर और भी इसी प्रकार के इन्होंने कई सारे टीवी से जुड़े हुए अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग की यह सभी टीवी से ही संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस थे। 

परंतु उस समय टीवी देखने के लिए अगर कोई सबसे बड़ी समस्या थी तो वह बिजली की कमी के वजह से लोग टीवी में अपना मन पसंदीदा चैनल या फिर कोई भी सो नहीं देख पाते थे और इसीलिए इनका बिजनेस थोड़ा धीरे धीरे केबल टीवी का धीमा पड़ने लगा।

उस समय कुमार के घर में तो इनवर्टर लगा था उसका बैकअप भी ठीक नहीं था और वह बार-बार खराब हो जाया करता था इस चीज से परेशान होकर के कुंवर ने सोचा कि क्यों ना सबसे पहले बिजली की समस्या का समाधान किया जाए और एक बेहतर इनवर्टर की मैन्युफैक्चरिंग की जाए। उन्होंने 1998 में ही अपने घर के होम इनवर्टर को खुद से खोला। 

और उसमें कमियों को खोजने लगे इतना ही नहीं उन्होंने अपने इंजीनियरिंग टीम को भी बुला कर पुराने इनवर्टर की कमियों का पता लगाने के लिए कहा फिर पता चला कि उस समय जो भी इनवर्टर की मैन्युफैक्चरिंग हो रही थी वह सभी बेकार और बहुत ही कमजोर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके हो रही थी फिर इन्होंने उन कंपनी की सभी कमियों को समझा फिर जाकर अपनी कंपनी की शुरुआत की।

2000 के करीब इन्होंने अपनी कंपनी को एक बेस्ट इनवर्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के तौर पर लांच किया हालांकि उस समय लोग इनवर्टर के बारे में जानते नहीं थे और ना ही इस पर अपना विश्वास जताते थे परंतु धीरे-धीरे एडवरटाइजिंग। 

और इनके बेहतर परफॉर्मेंस के वजह से लोग इनवर्टर के बारे में जानने लगे और आज की डेट में हमारे देश में लगभग 100000 से भी अधिक इनके इनवर्टर ग्राहक मौजूद है और आज कंपनी लगभग 2300 करोड रुपए की सालाना टर्नओवर करने में भी सफल है। कुंवर सचदेव को ही इनवर्टर मैन के नाम से जाना जाता है।

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इनवर्टर कैसे काम करता है

चलिए अब हम आप सभी लोगों को इनवर्टर कैसे काम करता है? और इनवर्टर की कितने मुख्य भाग है? के बारे में बताते है। इनवर्टर चार्जिंग और डिसचार्जिंग पर काम करता है। जब बिजली चली जाती है तो इनवर्टर बैटरी में स्टोर हुए करंट को डीसी करंट में कन्वर्ट करके हमें बिजली का बैकअप प्रदान करता है।

बैटरी को चार्ज करने के लिए इनवर्टर आउटपुट सप्लाई को बाईपास कर देता है अर्थात चार्जिंग के दौरान आपके घर का सारा लोड मेन सप्लाई पर चला जाता है जिससे बैटरी पर लोड खत्म हो जाता है और वह चार्ज होने लग जाती है। कुछ इसी प्रकार के नियम का फॉलो करके इनवर्टर बिजली का इनपुट और आउटपुट प्रदान करता है। इनवर्टर के मुख्यतः 2 भाग होते है पहला भाग इनवर्टर बैटरी और दूसरा भाग इनवर्टर यूपीएस जिसके बारे में हम नीचे और विस्तार पूर्वक से समझेंगे।

इनवर्टर बैटरी

बैटरी किसी भी इन्वर्टर का power source होता है। अगर आपको अपने घर में इनवर्टर लगाना है तो सबसे पहले आपको इनवर्टर यूपीएस के साथ-साथ बैटरी लेना बहुत जरूरी है। जब इनवर्टर चार्जिंग मूड में होता है तब इनवर्टर यूपीएस से अटैच बैटरी को चार्ज करता है ताकि उसमें इलेक्ट्रिसिटी का भंडारण आसानी से किया जा सके। 

और जब बिजली चली जाए तब भंडारण की हुई बिजली को इनवर्टर आउटपुट के तौर पर हमें डीसी करंट में इलेक्ट्रिसिटी प्रदान कर सके बिना बैटरी के इनवर्टर किसी काम का नहीं होता है इसीलिए इसका मुख्य भाग इनवर्टर की बैटरी भी है। आप अपने घर के लोड के हिसाब से यानी कि आपको एक इनवर्टर से कौन-कौन सी चीजें चलानी है। 

उस हिसाब से आप इनवर्टर की बैटरी का एंपियर ले सकते हो। आजकल बाजार में 150 एमएच से लेकर 230 से ऊपर की इनवर्टर की बैटरी मौजूद है यदि आप चाहो तो इससे बड़ी बैटरी भी आप ले सकते हो। आप जितने एंपियर की बैटरी लोगे आपको उसी हिसाब से इनवर्टर यूपीएस भी लेना होगा यदि इनवर्टर यूपीएस कम पावर का होगा तो यह आपके बैटरी को चार्ज नहीं कर पाएगा और अगर करेगा अभी तो उसे चार्ज होने में एक लंबा वक्त भी लग सकता है।

इनवर्टर यूपीएस 

अगर बात करें कि यूपीएससी फुल फॉर्म की तो “Uninterruptible Power Supply” होता है और यूपीएस को हिंदी में “अबाधित विद्युत आपूर्ति” कहते है। इनवर्टर यूपीएस का काम एसी करंट को लेकर के बैटरी को चार्ज करने और जब लाइट कट जाए तब उसी भंडारण की गई इलेक्ट्रिसिटी को डीसी करंट में परिवर्तित करने का होता है। 

सिंपल शब्दों में कहें तो, यूपीएस का काम बिजली के अनुपस्थिति में बैटरी के सप्लाई को बिजली सप्लाई में बदलने और बिजली सप्लाई से उसी बैटरी को चार्ज करने का होता है। आपकी इनवर्टर बैटरी जितने एंपियर की होगी आपको उसी हिसाब से आपको इनवर्टर यूपीएस को भी खरीदना होगा।

इनवर्टर के प्रकार

दोस्तों अब आप सोच रहे होंगे कि क्या इनवर्टर के प्रकार भी होते है? तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हां इनवर्टर अलग-अलग प्रकार के होते हैं और अगर आपको जानना है कि इनवर्टर कितने प्रकार का होता है और वे कौन-कौन से है? तो आप नीचे दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पर विस्तार से जरूर पढ़ें क्योंकि हमने नीचे इनवर्टर के प्रकार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। 

जो आपके लिए काफी उपयोगी और ज्ञानवर्धक भी हो सकती है ताकि जब भी आप आगे इनवर्टर अपने घर में इंस्टॉल करें आपको इससे संबंधित सभी आवश्यक जानकारी के बारे में मालूम हो और आपको कोई भी दुकानदार या फिर व्यक्ति आसानी से मूर्ख ना बना सके और आप अपनी रिक्वायरमेंट को आसानी से नीचे दी गई जानकारी को समझकर के इनवर्टर इंस्टॉलेशन का कार्य आसानी से करवा सकते हो।

इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर

इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर सिर्फ और सिर्फ बिजली के जरिए ही चार्ज होता है और इतना ही नहीं इलेक्ट्रिक सिटी पावर इनवर्टर के भी अलग-अलग प्रकार है और आप अपने रिक्वायरमेंट के हिसाब से उसे लगा सकते हो चलिए अब हम लोग आगे जानते है कि इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर के कौन-कौन से और प्रकार है जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।

  • Modified Sine Wave Inverter: मॉडिफाइड साइन वेव इनवर्टर की बात की जाए तो यह बहुत ही कमजोर और सस्ता होता है और इसे चार्ज करने में बिजली भी काफी ज्यादा लगती है और अगर बात की जाए तो बैटरी बैकअप की तो इसका बैटरी बैकअप भी मुश्किल से 2 या 3 घंटे से भी कम हमें मिल पाता है। इसे बहुत ही कम लोग इस्तेमाल किया करते है इस प्रकार के इनवर्टर का इस्तेमाल छोटे-मोटे इमरजेंसी कार्यों के लिए किया जाता है। 
  • Pure Sine Wave Inverter: इस प्रकार का इनवर्टर इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर में सबसे बेहतरीन और पावर वाला होता है हालांकि इसे खरीदने में थोड़ा ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते है यही कारण है कि इसमें अच्छे परफॉर्मेंस के लिए कई सारे सर्किट के अलग-अलग प्रकारों का इस्तेमाल किया जाता है ताकि बैटरी की कैपेसिटी ज्यादा हो और आपको ज्यादा देर तक एवं काफी अच्छा पावर प्रदान कर सके। इतना ही नहीं इस प्रकार का इनवर्टर बहुत ही कम बिजली खपत करता है और पावर बैकअप तो हमें काफी बेहतरीन प्रदान करने में सक्षम होता है। ज्यादातर घरेलू इस्तेमाल में इसी प्रकार की इनवर्टर का उपयोग किया जाता है और आप जहां पर भी इनवर्टर देखते हो वहां पर इसी इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर का इस्तेमाल किया जाता है।

सोलर पावर इनवर्टर

दोस्तों अपने सोलर पैनल के बारे में तो सुना ही होगा हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोलर पावर इनवर्टर सोलर पैनल को ही कहा जाता है। सोलर इनवर्टर सूर्य की किरणों से चार्ज होता है और इसे चार्ज करने के लिए सोलर पैनल लगाया जाता है जो सूर्य की किरणों को इलेक्ट्रिसिटी में परिवर्तित करके एसी करंट का उपयोग करते हुए सोलर बैटरी को चार्ज करता है और जब सोलर इनवर्टर आउटपुट देता है तो यह आउटपुट ठीक उसी प्रकार से देता है। 

जिस प्रकार से एक इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर प्रदान करता है। सोलर पावर इनवर्टर की सबसे खास बात यह है कि आप इसे सोलर पावर और इलेक्ट्रिसिटी दोनों के जरिए चार्ज कर सकते हो मतलब की ठंडी हवाओं में सूर्य की किरणों का अभाव रहता है और ऐसे में आप इसे सीधे इलेक्ट्रिसिटी पावर के जरिए भी चार्ज कर सकते हो और इसका इस्तेमाल कर सकते हो। 

हालांकि इस प्रकार के इनवर्टर को इंस्टॉल करने में कई लाख रुपए हमें इन्वेस्ट करने पड़ते है। परंतु इसका बैकअप और परफॉर्मेंस समय इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर के मुकाबले कई गुना ज्यादा मिलता है और इस प्रकार के इनवर्टर से हम लगभग घर की सभी बड़ी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और मशीनों को आसानी से चला सकते हैं।

आवश्यक जानकारी – एक बात का ध्यान रहे कि, सोलर इन्वर्टर के लिए अलग से सोलर इन्वर्टर और सोलर बैटरी आता है और हम बिजली वाले इन्वर्टर या बैटरी पर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते।

इनवर्टर क्यों जरूरी है

माना कि आज बिजली वितरण का विकास हर एक छोटे बड़े गांव तक हो चुका है परंतु बिजली धूम की समस्या आज भी छोटे शहरों और गांव में देखने को मिल जाती है। छोटे इलाकों में बिजली आती तो है परंतु लंबे लंबे समय के बाद बिजली आती है खासकर गर्मियों के मौसम में गांव में बिजली की समस्या काफी ज्यादा होती है। 

और लोग बिजली से चलने वाले उपकरण और अन्य बिजली संबंधित कार्यों को नहीं कर पाते ऐसे में हमें बिजली के बैकअप के लिए इनवर्टर की जरूरत होती है। आप अपने घरों में इनवर्टर को इंस्टॉल करके आसानी से बिजली के जाने के बाद कई घंटों तक पंखों का इस्तेमाल कर सकते हो, टीवी देख सकते हो, बल वक्त चला सकते हो और भी बिजली से चलने वाली इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का इस्तेमाल कर सकते हो आपका जितना पावर का इनवर्टर और बैटरी होगा आपको उतना ही अच्छा इनवर्टर के जरिए पावर बैकअप मिलेगा।

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इनवर्टर के फायदे 

चलिए दोस्तों आप हम आप सभी लोगों को आगे इनवर्टर के कुछ अपने बेहतरीन फायदों के बारे में जानकारी दे देते है और आप इसके लिए नीचे दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक से पढ़ें।

  • अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते है जहां पर बिजली का आवागमन बना रहता है और बिजली कटने के बाद लंबे लंबे समय बाद आती है तो ऐसे में आपके लिए इनवर्टर काफी फायदेमंद है।
  • अगर आप कोई दुकान चलाते हो तो दुकान में रोशनी रखने के लिए और थोड़े बहुत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल करने के लिए बिजली बाधित होने के पश्चात आप इनवर्टर का उपयोग आसानी से कर सकते हो।
  • गांव में पढ़ने वाले छात्रों के लिए इनवर्टर काफी उपयोगी है क्योंकि आज के समय में छात्र मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल करके ऑनलाइन पढ़ाई करते है और इन दोनों ही इंटरनेट डिवाइसेज को चार्ज करने के लिए और इनका इस्तेमाल करने के लिए हमें पावर बैकअप की जरूरत पड़ती है और इस परिस्थिति में आप इनवर्टर का इस्तेमाल आसानी से कर सकते हो।
  • गर्मियों के मौसम में गांव में या फिर छोटे शहरों में लाइट की समस्या काफी ज्यादा विकराल होती है और लोग गर्मी से परेशान रहते है ऐसे में आप इनवर्टर को इंस्टॉल कर के गर्मियों के मौसम में पंखों का उपयोग करके गर्मी से राहत पा सकते हो।
  • दोस्तों जहां आप या फिर जिस घर में रोशनी नहीं रहती है वह घर कितना भी सुंदर हो देखने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है और अगर आप ऐसी जगह पर हो जहां पर लाइट आती जाती रहती है तो अपने घरों में रोशनी के लिए आप इनवर्टर का इस्तेमाल कर सकते हो और इससे कई सारे बल्ब आदि को भी जला सकते हो।
  • कई सारे हॉस्पिटल में पावर जनरेटर के साथ-साथ इनवर्टर भी इंस्टॉल किया जाता है ताकि अगर एक समय के लिए पावर जनरेटर काम करना बंद कर दिया और बिजली भी ना रहे तो थोड़ा समय इनवर्टर बिजली की आपूर्ति आसानी से करते रहे।
  • आप इनवर्टर का इस्तेमाल बिजली की आपूर्ति करने के लिए कर सकते हो और इसका उपयोग कहीं पर भी किसी भी जगह पर किया जा सकता है।

इनवर्टर से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न एवं उनके उत्तर

यहां पर हमने इनवर्टर इन हिंदी से संबंधित आप लोगों द्वारा पूछे जाने वाले कई अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिए हुए हैं।

Q. इनवर्टर कौन सा करंट देता है?

बिजली कट जाने के बाद हमें इनवर्टर डीसी करंट देता है।

Q. इनवर्टर कितनी बिजली खाता है?

इनवर्टर लगभग हर घंटे 20 से लेकर 50 वाट की बिजली आसानी से खपत करता है।

Q. इनवर्टर कितने घंटे चलता है?

अगर आपका सोलर इनवर्टर है तो यह लगभग एक बार फुल चार्ज हो जाने के बाद 12 घंटे से लेकर 15 घंटे के बीच का पावर बैकअप प्रदान करता है और अगर आपका इलेक्ट्रिसिटी पावर इनवर्टर है तो यह आपको एक बार फुल चार्ज होने के बाद 4 घंटे से लेकर 7 घंटे या फिर 6 घंटे के बीच का पावर बैकअप आसानी से प्रदान कर सकता है।

निष्कर्ष

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को inverter in hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि इनवर्टर से संबंधित हमने इस लेख में आपको जो भी जानकारी प्रदान की है वह जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी और सहायक साबित हुई होगी।

यदि आप लोगों को इनवर्टर से संबंधित प्रस्तुत की गई यह जानकारी पसंद आई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले ताकि आप के जरिए अन्य लोगों को इनवर्टर से संबंधित इस महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पता चल सके और उन्हें आगे ऐसा ही टेक्नोलॉजी और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर लेख को पढ़ने के लिए कहीं और बार-बार भटकने की बिल्कुल भी आवश्यकता ना हो।

यदि आपके मन में हमारे आज के इस महत्वपूर्ण लेख से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को शुरुआत से लेकर अंतिम तक ध्यान पूर्वक से पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो। 

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